अटल पेंशन योजना से मिली बड़ी राहत, 30 अक्टूबर तक बढ़ी क्लेम करने की तारीख
अटल पेंशन योजना के तहत अब एक बहुत बड़ी राहत की घोषणा की गई है। इसके तहत अब अटल पेंशन योजना के तहत डेथ क्लेम करने की तारीख को बढ़ाकर 30 अक्टूबर कर दिया गया है। इससे पहले इसकी अंतिम तारीख 31 जुलाई किया गया था। लेकिन कोरोना के चलते मौजूदा दौर में लोगों की परेशानियों को देखते हुए यह फैसला किया गया है। अब Central Record Keeping Agency के पास डॉक्यूमेंट 30 अक्टूबर तक जमा कर सकते हैं। इस सम्बन्ध में और अधिक विस्तार से जानने के लिए जनसत्ता के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
जनसत्ता: अटल पेंशन योजना के तहत डेथ क्लेम की तारीख एक बार फिर से बढ़ गई है। पेंशन फण्ड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने स्कीम के तहत डेथ क्लेम करने की तारीख अब 30 अक्टूबर, 2020 तक के लिए बढ़ा दी है। यह दूसरा मौका है, जब डेथ क्लेम की डेडलाइन को बढ़ाया गया है। इससे पहले आखिरी तारीख 31 जुलाई की गई थी। अथॉरिटी ने इसे लेकर बयान जारी करते हुए कहा है कि कोरोना के चलते मौजूदा दौर में लोगों की परेशानियों को देखते हुए डेथ क्लेम की रिक्वेस्ट की तारीख को बढाने का फैसला लिया गया है। अब सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी के पास फिजिकल डाक्यूमेंट्स 30 अक्टूबर तक जमा कराए जा सकेंगे।
अथॉरिटी ने बयान जारी कर कहा है कि अब भी कोरोना के चलते यात्रा पर लागु आंशिक प्रतिबंधों और सामान्य गतिविधियां न चालु होने के चलते यह फैसला लिया गया है। अब स्कैन किये गए दस्तावेजों के आधार डेथ क्लेम प्रोसेसिंग की तारीख 30 सितम्बर, 2020 तक के लिए बढाई जा रही है। इसके अलावा फिजिकल डाक्यूमेंट्स जमा कराने की डेट भी 30 अक्टूबर 2020 तक के लिए बढाने का फैसला लिया गया है।
जानें, क्या है अटल पेंशन योजना: केंद्र की मोदी सरकार ने मई, 2015 में इस स्कीम को लांच किया था। 18 से 40 साल तक की आयु के देश के सभी नागरिक इस स्कीम के तहत निवेश कर सकते हैं। निवेश की गई रकम के मुताबिक 60 साल की आयु के बाद इस स्कीम के तहत 1000 रूपये से लेकर 5,000 रूपये प्रति माह तक की क़िस्त मिलनी है। यही नहीं यदि योजनाधारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके पति या फिर पत्नी को यह पेंशन दी जाएगी। यदि निवेश के दौरान ही दोनों की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में नॉमिनी को जमा रकम वापस की जाएगी।
ऐसे लोगो को नहीं मिलता इस स्कीम का लाभ: इस स्कीम के नियमों के मुताबिक ऐसे लोग जो इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं वे इस योजना में शामिल नहीं हो सकते। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी इसका फायदा नहीं मिलता। वही पहले से ही ईपीएफ और ईपीएस जैसी योजना का लाभ ले रहे लोग भी इसमें शामिल नहीं किये जाते।
स्रोत: जनसत्ता
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